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Car sales tips: कार कंपनियों के लिए यह 5 टिप्स ऐसे हैं जिन्हें अगर फॉलो कर लिया जाए तो भारत में हो सकती हैं सफल

आज हम बात करेंगे कार कंपनियों के लिए कुछ खास टिप्स के बारे में जिनपर ज्यादातर कंपनियां ध्यान नही देती और बाद में उन्हें भारत छोड़कर जाना पड़ता है.

Car sales tips: भारत के कार मार्केट में आकर अपनी कार को बेचना और लोगों में अपनी एक अच्छी छाप बनाना इतना भी सरल नही है, लेकिन अगर कार कंपनियां इन कुछ टिप्स पर अमल कर लें तो कुछ ही महीनों और सालों में सफल हो सकती है.

अक्सर कई कार कंपनियां भारत में अपनी गाड़ी सीबीयू रूट से लाकर भारत मे सेल करती हैं जिसकी वजह से उनकी कीमतों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है, और बाद में ग्राहकों को उन गाड़ियों के पार्ट्स और मैकेनिक मिलने में भी दिक्कतें आती है.  जिसकी वजह से भारतीय ग्राहक ऐसी गाड़ियों को लेने से बचते हैं.

कई कंपनियां ऐसी हैं जो भारत में आती है और भारत के बाजार को समझ नहीं पाती. लोगों के पसंद को और नापसंद को ध्यान नहीं देती जिसकी वजह से बाद में फ्लॉप हो जाती हैं और अपना अच्छा खासा नुकसान करा के भारत से वापस चली जाती हैं.

लेकिन आज हम बात करेंगे उन कुछ टिप्स के बारे में जिनपर अगर यह कंपनियां अमल करें तो जल्द ही भारतीय बाजार में अपना दबदबा बना सकती हैं. और कई सालों से काम कर रही कार कंपनियों को कड़ी टक्कर दे सकती है.

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1. After Sales service

गाड़ियों को बेचने के बाद भारत की ज्यादातर कंपनियां ग्राहकों की समस्याओं को नजरअंदाज करती हैं, जिसकी वजह से गाहको का भरोसा उन कंपनियों पर से उठ जाता है. और बाद में वही ग्राहक 10 लोगों को मना करतें हैं उन कंपनियों की गाड़ियों को खरीदने के लिए और बाद में धीरे धीरे यह चैन बढ़ती चली जाती है जिससे उस कंपनी की सभी गाड़ियों की सेल्स धीरे धीरे कम हो जाती हैं.

2. Value For Money Car

जब कोई कंपनी भारत में आती है तो उसे लगता है कि हम भले ही कितनी महंगी गाड़ी को लॉन्च करें और भारतीय ग्राहक एक प्रीमियम कार लेने के चक्कर में इस गाड़ी को खरीद लेगा लेकिन बाद में धीरे-धीरे ऐसा होना बंद हो जाता है और फिर शोरूम में खड़ी खड़ी गाड़ियां पुरानी हो जाती है

और बाद में कंपनी को उस गाड़ी को बंद करना पड़ता है. अगर कार कंपनी अपनी गाड़ियों को सही कीमतों पर लॉन्च करें जो ग्राहकों के लिए वैल्यू फॉर मनी हों, तो वह कंपनी भारतीय बाजार में अपना दबदबा बना सकती हैं.

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3. छोटे सेगमेंट में कार को लांच करके

अक्सर देखा गया है कि जब कोई नई कंपनी भारत में आती है तो उसकी पहली ही गाड़ी 40 से 50 लाख की कीमतों पर शुरू होती है. जिसका रिजल्ट यह निकल कर आता है कि कोई भी ग्राहक किसी नई कंपनी पर अपना 40 से 50 लाख रुपए खर्च करने पर भरोसा नहीं करेगा.

इसलिए अगर कोई भी कार कंपनी भारत में आती है तो उसे सबसे पहले छोटे सेगमेंट या कम कीमतों की कार को लॉन्च करना चाहिए जिससे वह भारतीय ग्राहकों पर अपना भरोसा बना पाएगी.

4. ज्यादा से ज्यादा शोरूम खोलकर

भारत मे ज्यादातर कार कंपनियां ऐसी है कि वह बड़े शहरों में अपने शोरूम को ओपन करतीं हैं और छोटे शहरों पर अपना ध्यान नही देतीं. जिसकी वजह से ऐसी कंपनियां छोटे कस्बे के लोगों पर अपना भरोसा नहीं बना पाती क्योंकि भारतीय ग्राहक यह सोच कर कार खरीदता है कि हम जो भी गाड़ी खरीदे, उसकी सर्विस या मेंटेनेंस पास के शहरों में भी हो सके. बड़े शहरों में शोरूम होने की वजह से कार कंपनियां छोटे कस्बों के ग्राहकों से नही जुड़ पातीं.

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5. माइलेज और क्वालिटी 

भारत में परफॉर्मेंस वाली कारों की डिमांड काफी कम है इसलिए हर कंपनियों को माइलेज बाली कारों पर भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए क्योंकि भारत में ज्यादातर ग्राहक ऐसे हैं जिन्हें कार की अच्छी क्वालिटी के साथ-साथ अच्छा माइलेज भी चाहिए.

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